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किसान आंदोलन के नाम पर विदेश से 60 नही बल्कि आया था 34.80 लाख,पंचायत में हुआ विवाद खत्म..

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खबर प्रहरी,बाजपुर। किसान आंदोलन के नाम पर विदेश से आये लाखों के फंड मामले में चल रहा विवाद आज पूरी तरह से समाप्त हो गया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा के आवास पर किसानों की एक पंचायत हुई जिसमें हरपिंदर बाजवा ने पंचायत के समक्ष माफी मांगते हुए कहा कि उनसे गलती हुई। उन्हें जब पैसा आया था तभी बताना चाहिये था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि उनके पास 60 लाख नहीं बल्कि 34 लाख 80 हजार रूपये ही आये हैं। बाकी जो आरोप लगाये जा रहे हैं वह झूठे हैं साथ ही कहा अगर कोई व्यक्ति इससे ज्यादा पैसे साबित करेगा तो उसको जो भी सजा संगत देगी वह उसे कुबूल होगी।


आपको बता दें कि यूएसए में बैठे एक एनआरआई ने बाजपुर निवासी हरपिंदर बाजवा के खातों में किसान आंदोलन के नाम पर 60 लाख रूपये भेजने का दावा किया था। मामला जब सोशल मीडिया पर आया तो हढ़कंप मच गया। किसान नेता अजीत प्रताप रंधावा, जोरावर भुल्लर आदि ने जब इसकी पढ़ताल की तो पता चला कि हरपिंदर के खातों में पैसा तो आया है लेकिन वह 60 लाख नहीं बल्कि 34 लाख 80 हजार रूपये है। इन लोगों ने इसकी जानकारी भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंग पड्डा समेत अन्य आंदोलनकारियों को दी। जिसके बाद गुरूद्वारा साहिब में हुई पंचायत में हरपिंदर बाजवा ने अपनी गलती मानते हुए पूरी की पूरी रकम भाकियू के दलजीत रंधावा को वापिस लौटा दी। लेकिन भाकियू के कुमायूं मंडल अध्यक्ष विक्की रंधावा इस फैंसले से खुश नहीं थे। उनका दावा था कि हरपिंदर के खाते में 60 लाख आये हैं लेकिन उसने सिर्फ 34 लाख ही लौटाये हैं जिसको लेकर उन्होंने बीते रोज एक प्रेस वार्ता की थी जिसमें गंभीर आरोप लगाये थे। इस प्रेस के बाद आंदोलनकारियों में दो फाढ़ हो गये थे लेकिन वक्त की नजाकत को समझते हुए भाकियू प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंग पड्डा ने मोर्चा संभाला और उन्होंने मंगलवार को अपने आवास पर विक्की रंधावा, हरपिंदर बाजवा आदि को बुलाया तथा सभी संगत के सामने पंचायत की जिसमें हरपिंदर ने अपनी गलती मानी। और 34 लाख 80 हजार की बात स्वीकार की। वहीं कर्म सिंग पड्डा ने कहा कि हरपिंदर ने सबके सामने अपनी गलती मानी है जिसके बाद इसको माफ किया गया है आज के बाद इस पैसों का जिक्र नहीं आयेगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी और व्यक्ति के पास भी आंदोलन के नाम से पैसा आया है तो वह दो दिनों के भीतर यूनियन में जमा करा दे अन्यथा फिर कार्रवाई होगी। वहीं पंचायत के बाद सब संतुष्ट नजर आये।

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