पेचकस से गोदकर की थी अपने ही मालिक की निर्मम हत्या
बाजपुर। पेचकस से गोदकर मालिक की नृशंस हत्या कर फरार हुए नौकर को पुलिस ने 15 वर्षों बाद पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इस हत्यारे पर 50 हजार का ईनाम घोषित था।
मंगलवार को स्थानीय कोतवाली में घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि वर्ष 2008 में बेरिया दौलत क्षेत्र के गांव थापक नगला में आटा चक्की चलाने वाले राजवीर सिंह पुत्र रामप्रसाद की लाश चक्की में ही चारपाई पर बंधी मिली थी। उसके शरीर पर पेचकस से अनेकों वार किये गये थे। इस घटना में राजवीर के चाचा सामंती सिंह ने पुलिस को शिकायत देकर मृतक के नौकर राज उर्फ राजू निवासी बिहार पर शक जाहिर किया था। घटना के बाद राजू फरार हो गया था। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को बहुत तलाश किया लेकिन पकड़ में नहीं आने पर एसएसपी द्वारा पहले इस पर 10 हजार फिर ईनाम की राशि बढ़ाकर 50 हजार कर दी थी। ऑपरेशन प्रहार के तहत् पुलिस लगातार इस आरोपी को पकड़ने के प्रयास में थी कि पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी कि हत्यारोपी नाम बदलकर पश्चिमी बंगाल में रह रहा है। पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि हत्यारोपी राजू का असल नाम जहीरूद्दीन है जो सोलेमान नाम से केरल में रह रहा है। पुलिस की एसओजी टीम केरल पहंुची लेकिन वहां भनक लगने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गया तथा पश्चिमी बंगाल पहंुच गया। यहां से बीते दिनों एसओजी प्रभारी भुवन जोशी के नेतृत्व में एक टीम पश्चिमी बंगाल भेजी गई जहां से बीते 15 अक्टूबर को हत्यारोपी को पकड़ लिया गया। एसएसपी ने बताया कि इसने 17 हजार रूपये के लिये अपने मालिक की नृशंस हत्या की थी और ये पैसे लेकर फरार हो गया था। इसका असली नाम जहररूद्दीन पुत्र लुकमान निवासी गौलापार थाना रायगंज उत्तर दिनापुर पश्चिमी बंगाल है। ये नाम बदलकर पहले बाजपुर में आया उसके बाद इसने अपना नाम सोलेमान रखा तथा केरल में रहा। एसएसपी ने इस शानदार वर्क आउट के लिये प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कोश्यारी व एसओजी प्रभारी भुवन जोशी समेत पूरी टीम को बधाई दी है।
टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सिंह कोश्यारी, एसओजी प्रभारी भुवन जोशी, एसआई विक्रम धामी, कुलदीप सिंह, कैलाश तोमक्याल मौजूद थे।
बाजपुर। आटे की चक्की चलाने वाले राजवीर सिंह ने नाबालिग राज उर्फ राजू को अपनी चक्की पर काम के लिये रखा था। करीब दो साल तक राजू राजवीर के साथ काम करता रहा। चूंकि राजवीर राजू को काम के बदले पैसे देने में आनाकानी करता था। इसी को लेकर मालिक तथा नौकर के बीच दूरियां बढ़ती जा रही थीं। राजवीर को धान की फसल के करीब 17 हजार रूपये मिले थे जिसकी जानकारी राजू को भी थी। ऐसे में राजू ने बिना कुछ सोचे समझे अपने मालिक राजवीर को पहले बेहोश किया फिर उसको चारपाई पर बांधा तथा उसके बाद उसके शरीर पर पेचकर से ताबड़तोड़ प्रहार किये जिसमें उसकी मौत हो गई थी।
बाजपुर। 15 वर्ष बाद बेटे की मौत के आरोपी को पकड़ने पर पीड़ित पिता रामप्रसाद ने एसएसपी मंजूनाथ टीसी और कोतवाल प्रवीण कोश्यारी का आभार जताया है। पीड़ित पिता ने कहा कि उन्होंने आस छोड़ दी थी कि उनके बेटे की हत्या के आरोपी को पुलिस पकड़ भी पायेगी या नहीं लेकिन जिस तरह से कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी ने मेहनत की उससे पुलिस पर उनका व उनके परिवार का भरोसा बढ़ा है।