बाजपुर। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)गाजीपुर बॉर्डर के पूर्व प्रवक्ता भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता में कहा कि सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में दिल्ली आ रहे किसानों को हरियाणा के बॉर्डर पर तानाशाही से रोकना आंसू गैस के गोलों का प्रयोग करना व लाठीचार्ज अंग्रेजी हुकूमत की याद दिला रहा है जो बेहद शर्मनाक है लोकतंत्र में शांतिपूर्वक आंदोलन करना संवैधानिक अधिकार है।
बुधवार को जगतार सिंह बाजवा अपने आवास पर पत्रकार वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लगता है मौजूदा सरकार का विश्वास संविधान व लोकतंत्र से खत्म हो गया। किसान आंदोलन के दौरान सरकार द्वारा जो वायदे एमएसपी, किसानों पर दर्ज मुकदमों, बिजली बिल 2020, कर्ज मुक्ति आदि को लेकर किए गए थे सरकार अपने उन वादों पर खरी नहीं उतरी जिससे देश भर के किसानों मजदूरों में आक्रोश है। बाजवा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) व मजदूर मोर्चा की कॉल पर हजारों किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। यदि सरकार इन किसानों पर बर्बरता करती है तो समान विचारधारा के अन्य किसान मजदूर संगठन भी इन किसानों के साथ खड़े होंगे। उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से शीघ्र वार्ता के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है और 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने ग्रामीण भारत बंद व देशभर में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। सरकार ने अपनी तानाशाही पर काबू न लगाया तो उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल होंगे।
बोले बाजवा काश पुलवामा में भी होती ऐसी मुस्तैदी
बाजपुर। जगतार सिंह बाजवा ने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जिस तैयारी के साथ सरकार किसानों को दिल्ली आने से रोकने पर आमादा है अगर इतनी मुस्तैदी पुलवामा में की होती तो आज हम अपने वीर जवानों को श्रद्धांजलि ना दे रहे होते।