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साहब! घूस के पैसे में मुझे नहीं मिल रही हिस्सेदारी…डीएम को चपरासी ने भेजा पत्र, मचा हड़कंप

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Jaunpur: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में डीएम को भेजे गए पत्र ने अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। यहां एक युवक ने खुद को जौनपुर जिले की शाहगंज तहसील का चपरासी बताते हुए डीएम को पत्र लिखा। इसमें उसने लिखा “प्रार्थी राजाराम यादव नायब तहसीलदार लपरी शाहगंज शैलेंद्र कुमार सरोज का प्राइवेट चपरासी हूं। सारा घूस का पैसा हम ही अधिवक्ताओं और जनता से वसूलते हैं। मेरे नीचे अविनाश यादव और अजीत यादव हैं। हम लोग लगातार झगड़ा कर, मारपीट कर घूस का पैसा वसूलते हैं। अतः सभी प्राइवेट चपरासी को 1000 रुपये प्रतिदिन मिलता है। मुझे 500 रुपये ही नायब तहसीलदार देते हैं। मेरा पैसा बढ़ाया जाए।”

तीन सितंबर को राजाराज नाम के युवक ने जौनपुर डीएम को नायब तहसीलदार के खिलाफ पत्र भेजा। इसके मिलते ही डीएम एक्‍शन में आ गए। उन्होंने एसडीएम शाहगंज को नियमानुसार जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद एसडीएम शाहगंज ने पांच सितंबर को मामले की जांच कर नायब तहसीलदार को ही आख्या प्रस्तुत करने का आदेश जारी कर दिया।

जांच कुछ ही घंटों में पूरी करके नायब तहसीलदार और तहसीलदार ने एसडीएम को अपनी रिपोर्ट भी दे दी। इसके बाद शाहगंज एसडीएम की ओर से पांच सितंबर को ही डीएम को जवाब भेजा गया।

इसमें एसडीएम ने लिखा “महोदय, कृपया राजाराम नामक व्यक्ति द्वारा प्रेषित प्रार्थना पत्र का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। इस पत्र में राजाराम यादव ने स्वयं को प्राइवेट चपरासी के रूप में तहसील शाहगंज में कार्यरत बताया है। इस क्रम नायब तहसीलदार लपरी और तहसीलदार शाहगंज ने संयुक्त रूप से जांच की है। जांच की आख्या में अवगत कराना है कि राजाराम यादव या किसी अन्य नाम का कोई भी प्राइवेट कर्मचारी तहसील शाहगंज में कार्यरत नहीं है। प्रार्थना पत्र में शिकायत कर्ता राजाराम यादव का मोबाइल नंबर, पिता का नाम और पता अंकित नहीं है। प्रथम दृष्टया शिकायत मिथ्या एवं भ्रामक है। आख्या महोदय के समझ प्रेषित है।”

जौनपुर जिले का यह मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। इसको लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। एक यूजर ने लिखा “सब मिले हुए हैं जी।” वहीं दूसरे यूजर्स ने लिखा है “ऐसे ही हर मामले की जांच हो जाए तो सारे विवाद खत्म हो जाएंगे।” बहरहाल मामला जो भी हो, लेकिन जौनपुर की तहसील शाहगंज के एसडीएम का कहना है कि किसी ने जान बूझकर डीएम को मिथ्या पत्र भेजा है। इसकी रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई है। आगे जो भी आदेश मिलेगा। उसका पालन किया जाएगा।

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