बाजपुर। राजकीय महाविद्यालय में गढ़भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों को उŸाराखण्ड के औषधीय गुणों से भरपूर फसलों से बनने वाले भोजन के विषय में जानकारी दी गयी तथा उन लोगों के प्रति कृतज्ञता प्रेषित की गयी, जिन्होंने विरासत में हमें यह फसलें व भोजन दिया।
शनिवार को आयोजित हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रो0 केके पांडे तथा संयोजक डा0 बीके जोशी ने किया। संयोजक डॉ0 बृजेश कुमार जोशी ने गढ़भोज दिवस को मनाने का उद्देश्य बताते हुये उŸाराखण्ड की पारम्परिक फसलों एवं प्राकृतिक सम्पदा से अवगत कराया। उन्होंने मंडुवा, भट्ट से बनने वाले विभिन्न भोज्य पदार्थों तथा उनके औषधीय गुणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा उŸाराखण्ड में सम्पन्न हुयी जी 20 सम्मेलन की बैठकों में पर्वतीय क्षेत्रों की फसल से निर्मित पकवान विदेशी मेहमानों के द्वारा भी अत्यधिक पसन्द किये गये। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 कमल किशोर पाण्डे ने सभागार में उपस्थित छात्र-छात्राओं को उŸाराखण्ड की विभिन्न अनाजों यथा मंडुवा, झंगोरा, कौंणी दालों में गहत, भट्ट तथा मसालों में जम्बू, गदरैन इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने इनसे बनने वाले विभिन्न खाद्य सामग्रियों व इनके औषधीय गुणों के बारे में बताया। उन्होंने इन फसलों के वैज्ञानिक नामों तथा उनसे मिलने वाले विटामिन्स एवं अन्य पोषक तत्वों को भी रेखांकित किया। प्रो0 पाण्डे ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे फास्ट फूड यथा पिज्जा बर्गर जैसी अस्वास्थ्यकर खाद्य सामग्री को त्यागकर स्वास्थ्यवर्धक पारम्परिक अनाज से बनी खाद्य सामग्रियों का प्रयोग करें।
मौके पर डॉ0 दर्शना पन्त, डॉ0 वन्दना, शकुन्तला देवी, डॉ0 मनप्रीत सिंह, डॉ0 अतुल उप्रेती, डॉ0 सन्ध्या चौरसिया, डॉ0 सूरजपाल सिंह, डॉ0 जया सिंह, डॉ0 मेहराज बानो तथा महाविद्यालय के अनेक छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।