बाजपुर। स्थानीय सरकारी अस्पताल में आये दिन उपचार में लापरवाही खबरें मिलना आम हैं। लेकिन बावजूद उसके न तो सीएमओ और न ही डीजी हैल्थ इसका संज्ञान लेते हैं। मरीजों को यहां उपचार के नाम पर सिर्फ रेफर किया जाता है। यहां पर तैनात महिला चिकित्सक पर मरीजों के साथ अभद्रता करने और बिना उपचार के ही उनको अस्पताल से भगा देने के आरोप भी समय समय पर लगे हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज आरोप एक बार फिर अस्पताल की महिला चिकित्सक पर लगा है। आरोप है कि महिला चिकित्सक ने 4 माह की गर्भवती के पेट में पल रहे बच्चे को बिना जांचे मृत बोल दिया था।
ग्राम खमरिया लखनपुर निवासी महिला रंजीता पत्नी दीप कुमार 4 माह की गर्भवती है। उसका उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। आरोप है कि बीती 29 सितंबर को रंजीता अपने पति दीप कुमार के साथ अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक के पास पहंुची थी। ये आरोप है कि महिला चिकित्सक ने रंजीता का बिना चैकअप किये उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को मृत घोषित कर दिया। ये सुनने के बाद रंजीता एवं उसके परिजनों में हड़कंप मच गया। लखनपुर की आशा कार्यकत्री ने रंजीता को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। वहीं रंजीता ने अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड कराया जिसके बाद रिपोर्ट में रंजीता के गर्भ में पल रहा गर्भ पूरी तरह से सुरक्षित निकला जिसके बाद रंजीता की जान में जान आई। इसके बाद उन्होंने चिकित्सक के खिलाफ हंगामा किया। आरोप है कि महिला चिकित्सक ने मरीज और आशा कार्यकत्री के साथ अभद्रता करते हुए उनको निकाल दिया। वहीं इसी से नाराज आशा कार्यकत्रियां गुरूवार को अस्पताल में जमा हो गईं। इन लोगों ने अस्पताल के गेट के बाहर महिला चिकित्सक के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। आशा कार्यकत्री संगठन की जिला उपाध्यक्ष कुलविंदर कौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि महिला चिकित्सक का व्यवहार मरीजों व आशाओं के प्रति ठीक नहीं है। पहले भी कई ऐसे केस आ चुके हैं जिसमें ये चिकित्सक मरीजों का बिना चौकअप किये उनको भगा देती है। वहीं आशाओं ने सीएमएस डा पंकज माथुर का घेराव करते हुए महिला चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग की।
मामले पर बोले सीएमओ
बाजपुर। ऐसी किसी घटना की शिकायत फिलहाल मुझे नहीं मिली है। फिर भी आपने ये घटना का संज्ञान दिलाया है तो मैं इसकी जानकारी ले रहा हूं। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच की जायेगी।
डा0 मनोज शर्मा, सीएमओ उधम सिंह नगर।