बाजपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दलित समाज की गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को बिना जांचे मृत बताये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना से नाराज हुए दलित समाज के लोगों ने इस मामले का संज्ञान लेकर इसकी गंभीरता से जांच करने की मांग को लेकर एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है।
उत्तराखंड वाल्मीकि दलित समाज सुधार संगठन के अध्यक्ष अनिल वाल्मीकि के नेतृत्व में समाज के लोग एकत्र हुए। इन लोगों ने बैठक कर सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक द्वारा दलित गर्भवती महिला से की गई अभद्रता एवं उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को मृत बताने पर रोष प्रकट किया गया साथ ही इस पूरे मामले में जल्द ही अस्पताल परिसर में आंदोलन करने पर सहमति प्रकट की गई। वहीं इसके बाद ये लोग एकजुट होकर एसडीएम कोर्ट पहंुचे जहां पर इन लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात दंपत्ति चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम राकेश चंद तिवारी को सौंपा। उत्तराखंड वाल्मीकि दलित समाज सुधार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वाल्मीकि ने आरोप लगाया कि 3 वर्ष पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दंपत्ति चिकित्सक की तैनाती कराई गई थी लेकिन महिला चिकित्सक के आने के बाद नार्मल डिलीवरी में भारी कमी आई है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही मामले में जांच के बाद कार्रवाई नहीं की गई तो वह आंदोलन करने को भी मजबूर होंगे।
मौके पर उमेश वाल्मिकी, मुकेश वाल्मिकी, रितिक कुमार, सुरेश कुमार, रजनीश वाल्मिकी आदि लोग मौजूद थे।